भारत ने यूके के साथ होने वाली व्यापार वार्ता को रोक दिया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस वार्ता को तब तक दोबारा शुरू नहीं किया जाएगा जब तक कि यूके की सरकार की तरफ से भारतीय उच्चायोग पर हमले करने वाले सिख चरमपंथियों की आलोचना करने वाला बयान सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं किया जाता। मार्च में भारतीय उच्चायोग पर सिख चरमपंथी दाखिल हो गए थे। ये चरमपंथी दूतावास की पहली मंजिल तक पहुंच गए थे और इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को निकालकर फेंक दिया था। चरमपंथियों ने इसकी जगह खालिस्तान का झंडा लगा दिया था। मीडिया की माने तो, भारत इस घटना को लेकर यूके से काफी नाराज है। हालांकि भारत ने इस खबर को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है। ट्रेड वार्ता रुकने की जो खबरें मीडिया में आई हैं, वो पूरी तरह से आधारहीन हैं। यूके के गृह मंत्रालय की तरफ से वार्ता को पटरी पर लाने की कोशिशें की जा रही हैं। माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में एक बड़ा ऐलान हो सकता है। साथ ही यूके की सरकार सिख चरमपंथियों और खालिस्तान आंदोलन से जुड़े समर्थकों के खिलाफ बड़ी कारवाई कर सकती है।
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