मध्य प्रदेश(उज्जैन): जगद्गुरूत्तम श्री कृपालुजी महाराज की प्रचारिका सुश्री धामेश्वरी दीदी जी द्वारा आध्यात्मिक प्रवचन एवं रसमय संकीर्तन, महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में दिनांक 1 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक श्री जानकीनाथ मंदिर, महाश्वेता नगर में प्रत्येक शाम 7 से 9 बजे तक आयोजित हो रहे हैं।
दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला के चौथे दिन धामेश्वरी दीदी ने वेद और शास्त्रों द्वारा प्रमाणित कर बताया कि, भगवान को बुद्धि के द्वारा बड़े-बड़े ज्ञानी तो क्या, ब्रम्हा जी भी नहीं जान सकते। किन्तु यदि किसी पर भगवान की कृपा हो जाये और इस कृपा द्वारा दिव्य शक्ति से उसे भगवान की बुद्धि मिल जाये, तो साधारण मनुष्य भी भगवान को जान सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि, इसका आशय यह नहीं कि भगवान को जाना नहीं जा सकता। कुछ लोग अपने प्रत्येक कर्म के लिए भगवान को जिम्मेदार ठहराते हैं, जबकि भगवान ने हमें सत्कर्म करने की शक्ति दी है किंतु भगवान द्वारा दी हुई शक्तियों का हम दुरुपयोग करते हैं यानि संसार में आशक्ति करते हैं और फिर कह देते है, हमारे भाग्य में नहीं है। अथवा भगवान को दोषी ठहराते हैं। दीदीजी ने आगे कहा कि, मनुष्य देह प्राप्त करके ईश्वर की भक्ति करने की बजाय संसार की जिम्मेदारियों की आड़ लेते हैं। दीदीजी ने यहाँ यह भी कहा कि, वास्तव में भगवान की कृपा का सही अर्थ समझना है तो इसे शास्त्रों से और प्रामाणिक संतो से समझा जा सकता है। भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए वेदों में शर्त बतायी गयी है। वह शर्त क्या है? उन्होंने कहा कि यह आगे प्रवचन में बताया जायेगा। प्रवचन के अंत में श्री युगल सरकार की आरती हुई जिसमें उपस्थित लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
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