भए प्रगट कृपाला दीन दयाला….समाप्त हुआ दशकों का इंतजार, अयोध्या धाम में विराजे राम लला

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो चुकी है। गर्भगृह में मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूजा-अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी के साथ गर्भगृह में कई अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। जानकारी के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मुख्य यजमान अनिल मिश्र और डोमराजा अनिल चौधरी मौजूद थे।

बता दें कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने पर पूरी अयोध्या नगर में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा रही है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति काफी खूबसूरत बनाई गई है। मूर्ति में भगवान के चेहरे पर गजब का तेज नजर आ रहा है, साथ ही बच्चे जैसी मासूमियत भी दिखाई दे रही है। इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 51 इंच और वजन 150 किलोग्राम है।

अयोध्या राम मंदिर की मूर्ति श्याम रंग की है। इसे लेकर कई लोगों के मन में ये भी सवाल उठ रहा होगा कि आखिर क्यों राम मंदिर में श्याम वर्ण की मूर्ति लगाई जा रही है। दरअसल, रामायण में भी कहा गया है कि प्रभु श्रीराम श्याम वर्ण के थे और इसलिए इस रंग की मूर्ति को ज्यादा महत्व दिया गया है। भगवान श्रीराम की स्तुति मंत्र में भी कहा गया है: ‘नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम सीतासमारोपित वामभागम्। पाणौ महासायकचारूचापं नमामि रामं रघुवंशनाथम्।।’ इसका मतलब है कि नीलकमल के समान श्याम और कोमल जिनके अंग हैं, सीता जी जिनके वाम भाग में विराजमान हैं, जिनके हाथों में अमोघ बाण और सुंदर धनुष है, उन रघुवंश के स्वामी श्रीरामचंद्र जी को मैं नमस्कार करता हूं। अर्थात् श्रीराम जी श्याम वर्ण के हैं।

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