मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में ‘‘विकसित भारत 2047-युवाओं की आवाज” विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत को “मित्रवत और निष्पक्ष” दोनों के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब संकट की स्थिति में अपनी आबादी की रक्षा करने की बात आती है – चाहे वह विदेश में लोग हों या घर में लोग हों, “दृढ़ और उग्र” दोनों के रूप में देखा जाता है।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि तकनीकी कौशल के मामले में चंद्रयान-3 ने भारत को मानचित्र पर ला दिया है, इसकी डिजिटल अर्थव्यवस्था एक साल में अमेरिका की तुलना में एक महीने में तीन गुना अधिक है, और यह सीमा पार से बाहर निकलने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है। जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के बारे में भी बात की और बालाकोट एयरस्ट्राइक का उदाहरण दिया। भारतीय विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि देश एक वैश्विक छवि और प्रतिष्ठा बना रहा है, निर्णय लेने में सार्वजनिक जरूरतों को सबसे आगे रख रहा है।
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