मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को नए साल से पहले बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को उनके गिरफ्तारी वारंट पर अस्थायी रोक लगा दी है। ऐसे में भारतीय क्रिकेटर को नए साल में जेल नहीं जाना पड़ेगा। भविष्य निधि (पीएफ) धोखाधड़ी के एक मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ था। न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने उथप्पा को यह अंतरिम राहत दी है। इसके साथ ही वारंट और पीएफ मामले से संबंधित सभी कार्रवाईयों पर अंतरिम रोक लगा दी है। उथप्पा ने अपने खिलाफ जारी वसूली नोटिस और गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर यह फैसला सुनाया गया है। भारतीय क्रिकेटर उथप्पा के खिलाफ यह वारंट क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त एवं वसूली अधिकारी के आदेश पर बेंगलुरु पुलिस ने जारी किया था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी लगभग तय थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रॉबिन उथप्पा का यह विवाद एक निजी फर्म सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड से जुड़ा है। 2018 से 2020 तक उथप्पा इस फर्म के डायरेक्टर थे। उथप्पा के खिलाफ पीएफ अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिस के अनुसार, कंपनी कर्मचारियों का पीएफ अंशदान कट रही थी, लेकिन यह उनके खाते में जमा नहीं हो रहा था। यह राशि लगभग 23.16 लाख रुपये थी। उथप्पा की ओर से पेश वकील प्रभुलिंग नवदगी ने कोर्ट को बताया कि उथप्पा ने 2020 में फर्म के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। अपने कार्यकाल के दौरान भी उथप्पा कंपनी के दिन प्रतिदिन के संचालक में शामिल नहीं थे।
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