श्रीलंका के राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे पदभार ग्रहण करने के बाद पहली भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज नई दिल्ली में PM मोदी के साथ उन्होंने द्विपक्षीय मुलाकात की और दोनों नेताओं की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें श्रीलंका में यूपीआई की स्वीकार करने के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौता भी शामिल है। इस दौरान PM मोदी ने विक्रमसिंह को कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर शुभकामनाएं दी हैं। मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, मैं राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करता हूं। आज राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अपने कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा किया है इस पर मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, PM मोदी ने कहा, पिछला 1 वर्ष श्रीलंका के लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है। एक करीबी मित्र होने के नाते हमेशा की तरह हम इस संकट के काल में भी श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे और जिस साहस के साथ उन्होंने इन चुनौतियों का सामना किया मैं इसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आगे कहा, हमारा मानना है कि भारत-श्रीलंका के सुरक्षा और विकास हित एक दूसरे से जुड़े हैं और इसलिए ये आवश्यक है कि हम एक दूसरे की सुरक्षा और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए साथ मिलकर काम करें। दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान विजन डॉक्यूमेंट को अपनाया गया। पीएम मोदी ने कहा, यह विजन दोनों देशों के लोगों के बीच समुद्री, वायु, ऊर्जा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को मजबूत करना और पर्यटन, बिजली, व्यापार, उच्च शिक्षा और कौशल विकास में आपसी सहयोग को तेज करना है। यह श्रीलंका के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का दृष्टिकोण भी बनाता है। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और सागर विजन में श्रीलंका का महत्वपूर्ण स्थान है। आज हमने हमारी Economic Partnership के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट अपनाया है।
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