मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद ने कहा कि सीमा समस्या को सुलझाने के लिए दोनों देशों को स्वीकार्य समाधान तलाशा जाना चाहिए। सीमा मुद्दे को राजनीतिक आम सहमति के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नेपाल-भारत मानव विकास और मित्र संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारी इस संबंध में एक संयुक्त तकनीकी समिति भी है। इस प्रणाली को सक्रिय किया जाना चाहिए। इसके बाद दोनों देशों के नेताओं को तथ्यों के आधार पर कूटनीतिक तरीके से इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि मौजूद आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए हमें और अधिक पनबिजली का उत्पादन करना होगा और भारत तथा बांग्लादेश दोनों के साथ विद्युत व्यापार बढ़ाना होगा। नेपाल और भारत ने हाल में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत भारत ने नेपाल से अगले दस साल में 10 हजार मेगावाट बिजली खरीदने पर सहमति जताई।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सऊद ने रविवार को गणतंत्र दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा था कि नेपाल तथा भारत के मध्य सीमा मुद्दे को दोनों देशों के बीच बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने के बजाय संवाद के जरिये सुलझाया जाना चाहिए।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा था कि चूंकि नेपाल और भारत के बीच 1,800 किलोमीटर से अधिक लंबी खुली सीमा है, इसलिए दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा से संबंधित कुछ विवाद और बहस अपरिहार्य है। लेकिन दोनों देशों की संयुक्त तकनीकी समिति ने ज्यादातर विवादों को सुलझा लिया है। सुस्ता और कालापानी-लिपुलेख केवल दो सीमा बिंदु ऐसे हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है।
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