मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले से पहाड़ी राज्य में तनाव बढ़ गया है। मीडिया की माने तो, हालात को देखते हुए सेना को तैनात किया गया। सेना के जवान राज्य के विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। सेना ने जानकारी दी है कि मणिपुर नागरिक प्रशासन की अपील पर विभिन्न इलाकों में सेना की तैनाती की गई है। यह तैनाती तीन मई शाम से की गई है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है और कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए सरकार ने राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। चूराचांदपुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह से गुरुवार को फोन पर बात की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली। केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल के दल भेजे हैं। आरएएफ दंगे जैसे हालात को काबू में करने के लिए दक्ष बल है। CM ने उन्हें जमीनी हालात तथा शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संवेदनशील स्थानों पर सेना तथा असम रायफल्स के जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इन दो बलों के अलावा पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए मणिपुर में मौजूद हैं।
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