मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों की सटीकता में सुधार लाने और मतदान प्रक्रिया को नागरिकों के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से नए उपाय शुरू किए हैं। आयोग अब मृत्यु पंजीकरण संबंधी आंकडे भारत के महापंजीयक से सीधे इलेक्ट्रोनिक रूप में प्राप्त करेगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि मतदाता पंजीकरण अधिकारियों को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर सूचना मिल सके। इससे बूथ स्तर के अधिकारियों-बीएलओ को भी क्षेत्रीय दौरों के जरिए सूचना की पुन: जांच करने में सुविधा होगी और उन्हें फॉर्म सात के अंतर्गत औपचारिक अनुरोध का इंतजार नहीं करना होगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक मतदाता-अनुकूल बनाने के लिए, आयोग ने उनके डिजाइन को संशोधित करने का निर्णय लिया है। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें फ़ॉन्ट का आकार बढ़ाया जाएगा। इससे मतदाताओं के लिए अपने मतदान केंद्र की पहचान करना और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनके नामों को कुशलतापूर्वक खोजना आसान हो जाएगा। चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि ईआरओ द्वारा नियुक्त सभी बीएलओ को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नागरिक मतदाता सत्यापन और पंजीकरण अभियान के दौरान बीएलओ को पहचान सकें और उनके साथ आत्मविश्वास से बातचीत कर सकें। चुनाव संबंधी कर्तव्यों के निष्पादन में मतदाताओं और चुनाव आयोग के बीच संपर्क के पहले बिंदु के रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि घर-घर जाकर काम करने वाले बीएलओ को जनता आसानी से पहचान सके। ये उपाय इस वर्ष मार्च में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने परिकल्पित किए थे।
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