मन में किसी के प्रति शत्रुता नहीं है, लेकिन दुनिया ताकत की भाषा सुनती है – मोहन भागवत

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आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हम अहिंसा की बात करेंगे, लेकिन हम अपने हांथ में छडी रखेंगे। हमारे मन में किसी के भी प्रति कोई शत्रुता नहीं है, लेकिन दुनिया ताकत की भाषा सुनती है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद के सपनों का भारत साकार होने के निकट है एवं इसके लिए हमें पूरे समाज को एक साथ मिलकर काम करना होगा। आगे उन्होंने कहा कि आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार ने इसके स्वयंसेवकों को धर्म की रक्षा के लिए ‘चौकादारी’ की भूमिका सौंपी है। भारत को अब बडा होना ही है, धर्म का उत्थान ही भारत का उत्थान है। भारत अपने उत्थान की पटरी पर चल पडा है।

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