राजगढ़ जिले में बाल विवाह की जानकारी होने के बाद भी सूचना न देने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा जिला परियोजना अधिकारी ने समाप्त कर दी है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजगढ़ जिले में रुढ़िवादी परंपराओं को रोकने के लिए प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। अब ऐसे ही लापरवाह कर्मचारियों पर प्रशासन कार्रवाई करने में जुटा है। खुजनेर परियोजना के अन्तर्गत आने वाले खेड़ी गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लापरवाह रवैये के चलते उस पर हाल ही में प्रशासनिक कार्रवाई की है। जानकारी होने के बाद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने प्रशासन को बाल विवाह की सूचना नहीं दी, जिसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवाएं सामाप्त की गई है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने कहा है कि जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजन कि, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेना अनिवार्य है। विवाह सम्मेलनों में कोई भी बाल-विवाह न हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित आयोजक समिति की होगी। विवाह सम्मेलनों में वर-वधु के जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज आधार कार्ड या अंक सूची भी लिए जाए। साथ ही सामूहिक विवाह सम्मेलनों में तहसीलदार, सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास,थाना प्रभारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। साथ ही बाल-विवाह करने पर संबंधित के खिलाफ FIR करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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