मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मार्ट उद्यान में करंज और गुलमोहर का पौधा रोपा। गौ-काष्ठ संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के सदस्य श्री अरुण चौधरी, श्री हेमंत अजमेरा और श्री पांडुरंग नामदेव ने भी पौध-रोपण किया। भोपाल में स्वच्छता और लकड़ी बचाने के अभियान में सक्रिय सुश्री श्रुति सिंह भी पौध-रोपण में सम्मिलित हुई।
भोपाल में गौ-काष्ठ संवर्धन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति विगत तीन वर्षों से होलिका दहन पर शहर में 45 से 50 सेंटर बनाकर आमजन को गौ-काष्ठ उपलब्ध कराती है। इससे होलिका दहन में लकड़ी का उपयोग कम होता है और जंगल कटने से बचते हैं। समिति द्वारा विगत 04 वर्षों में शहर के प्रमुख 05 विश्राम घाट में गौ-काष्ठ से लगभग 55 हजार दाह संस्कार करवाए गए, जिससे लगभग एक लाख पैसठ हजार क्विंटल लकड़ी बची। समिति जन-मानस में गऊ माता और पर्यावरण संरक्षण का अलख जगाने के लिए, देश भर में व्यक्तिगत व्यय पर विभिन्न शहरों में जाकर लोगों को जागरूक कर रही है। समिति पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधों का रोपण भी निरंतर कर रही है।
आज लगाए गए करंज को आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना गया है। करंज का उपयोग धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है। गुलमोहर को विश्व के सुंदरतम वृक्षों में से एक माना जाता है। गुलमोहर की पत्तियों के बीच बड़े-बड़े गुच्छों में खिले फूल, इस वृक्ष को अलग ही आकर्षण प्रदान करते हैं। गर्मी के दिनों में गुलमोहर के पेड़, पत्तियों की जगह फूलों से लदे हुए रहते हैं। यह औषधीय गुणों से भी समृद्ध है।