मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने मैड्रिड में आयोजित 10वें OECD ग्लोबल राउंडटेबल पर न्याय पहुंच में समानता के विषय पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। स्वतंत्र प्रभार वाले कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और न्याय नेताओं के संवाद में हिस्सा लिया। उन्होंने भारत के संवैधानिक न्याय व्यवस्था की मुख्य विशेषताओं को उजागर किया, जो समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता की गारंटी देती है।
आप को बता दे, मंत्री मेघवाल ने भारत की न्याय सुधारों के डिजिटल पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें ई-कोर्ट्स मिशन मोड परियोजना प्रमुख है। इस परियोजना के तहत न्यायालयों को बुद्धिमान, कागज रहित और एकीकृत बनाने के लिए एआई, मशीन लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का उपयोग किया जा रहा है। कोविड-19 अवधि में लाखों आभासी सुनवाईयाँ हुईं, जिससे पारदर्शिता और न्यायिक दक्षता बढ़ी। उन्होंने तकनीकी नवाचारों और न्याय सेवा के अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक पहलें जैसे ‘डिशा’ और टेली-लॉ कार्यक्रमों की भी चर्चा की। मेघवाल ने न्याय प्रणाली में नैतिक AI नियमन और डेटा इंटरऑपरेबिलिटी के महत्व पर बल दिया और भारत की वैश्विक न्याय सहायता के क्षेत्र में नेतृत्व की भी बात कही।
Image source: सोशल मीडिया
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