अलगाववादी नेता यासीन मलिक को लेकर बडी खबर सामने आयी है उसने एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना राजद्रेाह का गुनाह कबूल कर लिया है। यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग समेत पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारे के दौरान काम करने का गुनाह कबूला है। यासीन मलिक की सजा पर 19 मई को सुनवाई होगी। मीडिया सूत्रों के अनुसार, यही वो यासीन मलिक है जिसने कश्मीर को नर्क की आग में झोंका, ऐसा ही यासीन मलिक ने एनआईए कोर्ट के सामने कबूला है। मलिक पर यूएपीए की अलग अलग धाराओं, राजद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। यासीन मलिक ने कहा है कि वो इन धाराओं के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज नहीं कर रहा है और जो आरोप उस पर लगे हैं, उनमें उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
ज्ञात हो कि 16 मार्च को कोर्ट ने यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन, अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, मसर्रत आलम और बाकी लोगों पर भी आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट का मानना था कि पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर और उनसे मिले फंड के जरिए ही ये कश्मीर को भारत से अलग करने का काम कर रहे थे। मलिक ने जो भी आरोप कबूल किए हैं, वो देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हिंसा फैलाने और अलगाववादी आंदोलन शुरू करने से जुड़े हैं। यासीन मलिक पर 1990 में एयर फोर्स के निहत्थे 4 अधिकारियों और कई बेगुनाह कश्मीरी पंडितों की हत्या का भी आरोप है।