नई दिल्ली: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2023 प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खनिज उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सरकार राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा रिपॉजिटरी पोर्टल के माध्यम से भू-वैज्ञानिक डेटा के एकीकरण, खनिज संसाधनों की खोज और खनन में एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग जैसे कई कदम उठा रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये कदम हमें अपनी प्राकृतिक संपदा को बेहतर ढंग से समझने और उसका उचित उपयोग करने में सक्षम बनाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के हमारे प्रयास इस लक्ष्य के अनुरूप हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हरित परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे खनिजों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। परिवर्तन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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