राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुसार हो विश्वविद्यालयों का स्वरूप

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मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय भावी पीढ़ी निर्माण के केंद्र हैं। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्थाएँ और प्रबंधन विद्यार्थी हितकारी होना अनिवार्य है। इस सीमा से परे किए जाने वाले कार्यों पर कड़ा अंकुश रहे। ऐसी किसी चेष्टा पर तत्काल कड़े प्रतिबंधात्मक उपाय किए जाएँ । राज्यपाल पटेल प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंशाs अनुरूप बहु-विषयी विश्वविद्यालय, सामुदायिक जुड़ाव, सामुदायिक सेवा, व्यवसायिक शिक्षा, दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा संबंधी व्यवस्थाओं के लिए गठित अनुशंसा समिति के सदस्यों से चर्चा कर रहे थे।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से वैश्विक प्रतिस्पर्धा और 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम पीढ़ी के निर्माण का अवसर दिया है। यह अनिवार्य है कि विश्वविद्यालय का स्वरूप नीति के अनुरूप विद्यार्थी उन्मुख हो। इसी भाव और भावनाओं के साथ शैक्षणिक गुणवत्ता और वित्तीय प्रबंधन किया जाए। विश्वविद्यालयों का स्वरूप नीति के साथ एकीकृत हो। विश्वविद्यालयों की नीतियों और प्रावधानों में एकरूपता हो । राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, समिति के सदस्य कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के प्रो. आर.जे. राव, कुलपति देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर श्रीमती रेणु जैन, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन श्री ए.के. पांडे और कुलपति राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल श्री सुनील कुमार मौजूद थे।

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