मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कारोबार के अनुकूल माहौल और सरकार के समर्थन से पिछले नौ साल में कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों में स्टार्टअप की संख्या कई गुना बढ़कर 7,000 से अधिक हो गई है। 2014-15 से पहले इनकी संख्या 50 से कम थी। नौ वर्षों की इस अवधि में कृषि के लिए बजट आवंटन में भी 300 फीसदी का उछाल आया है। यह 30,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसिएशंस (एफएआईएफए) की बुधवार को जारी ‘भारत के कृषि परिवर्तन’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का एक दशक लंबा प्रयास सराहनीय है। इसमें व्यापक दृष्टिकोण को स्वीकार किया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
मीडिया की माने तो रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों की स्थिति बदलने में अहम भूमिका निभाई है। इन योजनाओं की मदद से किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। जैविक खेती को बढ़ावा देने, महिला किसानों को सशक्त बनाने, बुनियादी ढांचा मजबूत करने एवं सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए सरकार ने रणनीति बनाई है।
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