मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गाजा शांति योजना के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से समर्थन प्राप्त करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों को उस समय बड़ा झटका लगा, जब रूस ने स्वयं का प्रस्ताव पेश कर दिया। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि सुरक्षा परिषद अमेरिका की ओर से पेश प्रस्ताव पारित करे, जिसमें 20-सूत्री योजना को शामिल किया जाए। इससे यह प्रभावी रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून बन जाएगा। अमेरिकी प्रस्ताव में एक अंतरराष्ट्रीय बल और गवर्निंग बोर्ड के लिए स्वीकृति प्रदान करने की बात कही गई है। विशेष रूप से अरब देशों ने ऐसे बल में अपनी भागीदारी के लिए संयुक्त राष्ट्र के समर्थन को आवश्यक बताया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते रूस अमेरिकी प्रस्ताव को रोक सकता है। उसके विरोध से संकेत मिलता है कि सुरक्षा परिषद में गाजा पट्टी पर टकराव और गतिरोध बढ़ सकता है। 10-सूत्री रूसी प्रस्ताव में फलस्तीनी राज्य का आह्वान किया गया है। इसमें सुरक्षा बलों की तैनाती और अमेरिका द्वारा समर्थित शासन संरचना का उल्लेख नहीं है। राजनयिकों ने बताया कि सुरक्षा परिषद के एक और स्थायी सदस्य चीन ने अमेरिका और सुरक्षा परिषद को सूचित किया कि उसकी स्थिति रूस के साथ मेल खाती है। रूस द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने से पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने कहा था कि उसके प्रस्ताव पर सहमति के लिए सक्रिय बातचीत चल रही है। ऐसे में मतभेद पैदा करने वाले प्रयासों के गंभीर परिणाम होंगे।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरे



