रोग उन्मूलन के लिए टोकन-टू-टोटल के दृष्टिकोण से करें कार्य

0
236

मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सिकल सेल एनीमिया और टी.बी. रोग उपचार प्रबंधन कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने टोकन-टू-टोटल की कार्य-नीति के साथ रोग उपचार प्रबंधन करने को कहा। रोग स्क्रीनिंग कार्य के लिए क्षेत्र चिन्हित कर सघन जाँच का कार्य किया जाना चाहिए।

 रोग स्क्रीनिंग कार्य की दिशा रोग के लक्षित समूह के निर्धारण और सघन जाँच पर केंद्रित होनी चाहिए। सिकलसेल स्क्रीनिंग के लिए आँगनवाड़ी केंद्रों, प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में जाँच केम्प लगाकर चिन्हांकन किया जाए। पॉजिटिव प्रकरणों में सभी परिजन की जाँच हो। यही दृष्टिकोण गर्भवती माताओं की जाँच में भी रखना चाहिए। श्री पटेल ने क्षय रोग उपचार प्रबंधन में पोषण, नियमित औषधि सेवन संबंधी व्यवस्थाओं के दृष्टिगत संस्थागत उपचार व्यवस्थाओं को विस्तारित कर क्षय रोग उपचार प्रयासों संबंधी पहल करने के लिए कहा। आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम को चरणबद्ध रूप में संचालित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जनजातीय बहुल आबादी वाले विकासखण्डों में पदस्थ कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राज्यपाल ने वैकल्पिक उपचार पद्धतियों के प्रमाणीकरण द्वारा समावेशन प्रयासों पर पहल और स्वास्थ्य विभाग के जन-जागरण प्रयासों में विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय को मज़बूत बनाने के लिए निर्देशित किया।

राज्यपाल श्री पटेल को बताया गया कि मध्यप्रदेश, सामुदायिक सहभागिता के कार्यों में देश में दूसरे स्थान पर है। प्रमाणीकरण कार्यों में राष्ट्रीय स्तर पर खरगोन जिले को स्वर्ण और उज्जैन जिले को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया है। आयुष्मान भारत टी.बी. अभियान में भी केंद्र सरकार द्वारा प्रथम स्थान के लिए प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है। राज्य के सभी विकासखंड में मॉलिक्यूलर जाँच की सुविधा भी उपलब्ध है।

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here