प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात से दो दिवसीय दौरे पर काशी आये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में संसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन पहुंचे। यहां उन्होंने संसद संस्कृत प्रतियोगिता के टापर्स को सर्टिफिकेट दिया। इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। वहीं प्रतिभागियों के संवाद किया। पीएम ने भोजपुरी अंदाज में भाषण की शुरूआत की। बीएचयू के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और कहा आप सब परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। महामना के इस प्रांगण में सभी विद्वानों खासकर युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है। काशी समय से भी प्राचीन कही जाती है। इसकी पहचान को हमारी आधुनिक युवा पीढ़ी इतनी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है। ये दृश्य हृदय में संतोष देता है, गौरव की अनुभूति कराता है और ये विश्वास दिलाता हे कि अमृत काल में आप सब देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
पीएम ने कहा कि, काशी सर्व विद्या की राजधानी है। आज इसका सामर्थ्य ओर स्वरूप फिर से संवर रहा है। ये पूरे देश के लिए गौरव की बात है। अभी काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद ज्ञान प्रतियोगिता और फोटोगाफी के विजेताओं को पुरस्कार देने का अवसर मिला। सभी विजेताओं को उनके परिश्रम और प्रतिभा के लिए बधाई देता हूं। जो सफलता से कुछ कदम दूर रहे गये उनका भी अभिनंदन। आप काशी की ज्ञान परंपरा का हिस्सा बने। उसकी प्रतियोगिता में शामिल हुए। ये अपने आप में बहुत बड़ा गौरव है। आप में से कोई साथी हारा नहीं है, आप इस भागीदारी के जरिए काफी कुछ नया सीखकर कई कदम आगे आये हैं। इन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला बधाई का पात्र है। इस आयोजन के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद और सभी विद्वानों का आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं।
बीएचयू के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- नई काशी नए भारत की प्रेरणा बनकर उभरी है। मैं आशा करता हूं कि यहां से निकले युवा पूरे विश्व में भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति के ध्वजवाहक बनेंगे। “अगले पांच वर्षों में देश इसी आत्मविश्वास से विकास को नई रफ्तार देगा, देश सफलताओं के नए प्रतिमान गढ़ेगा और ये मोदी की गारंटी है। “काशी के सांसद के रूप में मेरे विजन को साकार करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले 10 साल में काशी में अभूतपूर्व विकास हुआ है। आज यहां इसपर दो बुकलेट भी लांच की गई है। इसमें यहां हुए विकास के हर पड़ाव और संस्कृति का वर्णन किया गया है। इसके अलावा जितनी भी प्रतियोगिता काशी में आयोजित की गई है। उनपर भी छोटी छोटी पुस्तकें लांच की गई है। आप जानते हैं कि हम सब निमित्त मात्र हैं। यहां करने वाले केवल महादेव और उनके गण है। जहां महादेव क कृपा हो जाला उ धरती अइसे ही समृद्ध हो जाले। इस समय महादेव खूब प्रसन्न हैं। इसलिए महादेव के आशीष के साथ 10 साल में काशी में चारों ओर विकास का डमरू बजा है। आज एक बार फिर काशी क हमरे परिवार के लोगन के लिए करोड़ों रुपया क योजना क लोकार्पण हो रहल ह। शिवरात्रि और रंगभरी एकादशी से पहले काशी में आज विकास क उत्सव मनाए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, अभी मंच पर आने से पहले काशी सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता की गैलरी देखा। 10 साल में विकास की गंगा ने काशी को सींचा है। काशी कितनी तेजी से बदली है उसे आप सबने साक्षात देखा है। बाबा जौन चाह जालन ओके के रोक पावेला। यही लिए बनारस में कुछ उत्सव होला लोग हाथ उठा के बोलेलन नम: पार्वती पते हर हर महादेव। काशी के केवल आस्था का तीर्थ नहीं, ये भारत की शास्वत चेतना का जागृत केंद्र है। एक समय था जब भारत की समृद्धि की गाथा पूरे विश्व में सुनाई जाती थी। इसके पीछ़े भारत की आर्थिक ताकत ही नहीं हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक ताकत भी थी। काशी जैसी तीर्थ और विश्वनाथ धाम जैसे मंदिर ही राष्ट्र की पगति की यज्ञशाला हुआ करती थी। यहां साधना भी होती थी और साश्त्रार्थ होते थे। संवाद और शोध होते हैं। संस्कृत के स्रोत भी थे, साहित और संगीत की सरिताएं भी थीं।
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