मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने नई शुरू की गई एकीकृत पेंशन योजना-यूपीएस से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में एकमुश्त एकतरफा शामिल होने की सुविधा शुरू की है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार यह सुविधा यूपीएस धारकों को अपनी सेवा निवृत्ति के एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति के तीन महीने पहले उपलब्ध होगी। बर्खास्तगी, निष्कासन या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने वाले कर्मचारी इस सुविधा के पात्र नहीं होंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक बार एनपीएस का विकल्प चुन लेने पर कर्मचारी सुनिश्चित भुगतान सहित यूपीएस के लाभों के हकदार नहीं होंगे। यूपीएस से निकलते समय सरकार का 4 प्रतिशत अंतर अंशदान कर्मचारी के एनपीएस कोष में जोड दिया जायेगा। इस कदम का उद्देश्य पेंशन लाभों को सुव्यवस्थित करना और लचीलापन प्रदान करना है। इसके अलावा एनपीएस को दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति समाधान के रूप में सुदृढ़ बनाना है। सरकार ने पहली अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत एक विकल्प के रूप में यूपीएस शुरू की है। यूपीएस कर्मचारियों को सुनिश्चित भुगतान प्रदान करेगी। 20 जुलाई 2025 तक लगभग 31 हजार 555 केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प चुना है। इस योजना के तहत आने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2025 है। यूपीएस को एनपीएस के अंतर्गत आने वाले केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक विकल्प के रूप में पेश किया गया है।
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