मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एक कामयाब राजनयिक के रूप में संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला राजदूत नियुक्त हुईं रुचिरा कंबोज शनिवार को सेवानिवृत्त हो गईं। साढ़े तीन दशक से अधिक लंबी विदेश सेवा के बाद रिटायर हुईं कंबोज संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में मुखर वक्ता के रूप में जानी जाती हैं। बिजनेस की दुनिया में कामयाब शख्सियत दिवाकर कंबोज के साथ शादी करने वाली रुचिरा एक बेटी की मां हैं। रुचिरा ने संयुक्त राष्ट्र से राजदूत के रूप में रिटायरमेंट की घोषणा सोशल मीडिया पर की।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 60 वर्षीय वरिष्ठ राजनयिक रुचिरा कंबोज ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, असाधारण वर्षों और अविस्मरणीय अनुभवों के लिए भारत का धन्यवाद। 37 साल पहले साल 1987 में सिविल सेवा बैच की अखिल भारतीय महिला टॉपर और इसी साल विदेश सेवा बैच की टॉपर रहीं रुचिरा कंबोज ने 2 अगस्त, 2022 को भारत की स्थायी प्रतिनिधि/राजदूत का पदभार संभाला था। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करने को लेकर कई बार सुर्खियों में रहीं रुचिरा ने जब सेवानिवृत्ति का एलान किया तो सोशल मीडिया पर उन्हें ढेरों शुभकामनाएं मिलीं।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, अलग-अलग क्षेत्रों के पेशेवर और पूर्व राजदूतों से लेकर आम नागरिकों ने भी रुचिरा को भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। जबरदस्त प्रतिक्रिया दी। रिटायरमेंट वाली पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर रोहित बंसल ने भी कमेंट किया। उन्होंने कहा, 37 वर्षों की सेवा के दौरान शालीनता और दृढ़ता दिखाई। आपका प्रभाव हमेशा बना रहेगा।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, हिंदी, अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा बोलने वाली कंबोज ने 1989 से 1991 तक फ्रांस में भारतीय दूतावास में तीसरे सचिव के रूप में काम किया। पेरिस में अपनी कूटनीतिक यात्रा शुरू करने वाली कंबोज ने कई देशों में नौकरशाह के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दीं। कंबोज पहली बार 2002-2005 तक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर के रूप में पहुंचीं। कंबोज ने पूरे करियर में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सुधार, पश्चिम एशिया / मध्य पूर्व संकट (West Asia Unrest) सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, भारतीय मिशन के मुताबिक कंबोज ने राष्ट्रमंडल सचिवालय लंदन में भी सेवाएं दी हैं। यहां उन्होंने महासचिव के कार्यालय के उप प्रमुख के रूप में काम किया। 2011-2014 तक कंबोज भारत की प्रोटोकॉल प्रमुख रहीं। इस पद को संभालने वाली पहली और एकमात्र महिला होने का गौरव भी कंबोज के पास है। यूनेस्को के पेरिस कार्यालय में भी तीन साल के शानदार कार्यकाल के दौरान उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हुईं। मई, 2014 में विदेश मंत्रालय ने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था। विशेष कार्य पर नई दिल्ली बुलाई गईं रुचिरा ने सार्क देशों और मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष की उपस्थिति वाले कार्यक्रम का सफल निर्देशन किया।
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