मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इस महीने की 18 तारीख से 21 तारीख के बीच पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए समय सीमा सवेरे 6 बजे 7 बजे और रात 8 बजे से 10 बजे तक तय की गई है। शीर्ष अदालत ने इसे त्योहार मनाने और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक “संतुलित दृष्टिकोण” बताया है। मुख्य न्यायाधीश भूषण आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह आदेश एक अस्थायी उपाय है जिसका उद्देश्य यह आकलन करना है कि क्या प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के साथ सावधानीपूर्वक विनियमित छूट दी जा सकती है। अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को इस अवधि के दौरान वायु तथा जल गुणवत्ता की निगरानी करने और इस महीने की 14 तारीख् से 21 तारीख के बीच दिल्ली की हवा पर आतिशबाजी के प्रभाव के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीठ ने एक अस्थायी व्यवस्था के रूप में, एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की है। इसने कहा कि पटाखे केवल निर्दिष्ट बिक्री स्थलों पर ही बेचे जा सकते हैं, और गश्ती दलों को निर्माताओं की नियमित जाँच करनी चाहिए। पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन पटाखों के क्यूआर कोड आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोड किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, पीठ ने कहा कि एनसीआर के बाहर से किसी भी पटाखा निर्माता को क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ने आदेश दिया कि नकली या गैर-अनुपालन उत्पादों का कारोबार करने वाले निर्माताओं के लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिए जाएँगे। पीठ ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य “त्योहारों के मौसम के दौरान व्यक्तियों की भावनाओं, उद्योग की आजीविका संबंधी चिंताओं और स्वच्छ हवा के अधिकार” के बीच संतुलन बनाना है।
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