जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में विगत 4 महीने में दो आंतरिक सर्वेक्षण के मद्देनजर, प्रदेश भाजपा राज्य के तीन मंत्री सहित लगभग 10 से 12 विधायकों के टिकट उनकी वीक परफॉर्मेंस के आधार पर काट सकती है। आंतरिक सर्वेक्षण में राज्य में कुछ विधायकों के खिलाफ बहुत ज्यादा नाराजगी की बात सामने आई है। इस संदर्भ में एक उच्चस्तरीय बैठक भाजपा की दिल्ली में भी हुई है।
हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा कभी भी होने की संभावना है। हिमाचल में इस बार बीजेपी नहीं चाहती कि किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी सामने आये और बीजेपी के विजयी मिशन में कोई रूकावट आये। ऐसे में बीजेपी की केंद्रीय समिति एक नया रोडमैप तैयार कर रही है ताकि हिमाचल में भाजपा मजबूती से वापस लौट सके। पार्टी ने फैसला किया है कि दो चुनाव हारने वाले नेताओं के नाम पर भी विचार नहीं किया जाएगा। दरअसल पार्टी ने चुनावी राज्यों हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के संदर्भ में अलग-अलग मंथन किया है। इन राज्यों के लिए अलग-अलग रणनीति तैयार की है। पार्टी और संघ के स्तर पर इसी हफ्ते छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश पर गहन विचार विमर्श हुआ है।