हिमाचल प्रदेश में करोड़ों रुपये का संदिग्ध लेनदेन कर रहीं चार फर्जी कंपनियां पकड़ी गई हैं। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कर एवं आबकारी विभाग की आर्थिक सतर्कता इकाई ने GST पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान इनकी पहचान की है। इन कंपनियों ने प्रदेश में 56 करोड़ का कारोबार दिखाया था। 9.43 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट भी दिया। राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त युनूस ने बताया कि विभाग ने फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। विभाग ने इस मामले को केंद्रीय अधिकारियों के समक्ष उठाया है। यह कंपनियां केंद्रीय अधिकार क्षेत्र में हैं। उनका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। केंद्रीय अधिकारियों से इन फर्जी संस्थाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड विवरण के अनुसार इनका स्वामित्व गुजरात से संबंधित तीन व्यक्तियों के पास है।
मीडिया की माने तो, हिमाचल प्रदेश में कर एवं आबकारी विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। विभाग की आर्थिक सतर्कता इकाई ने राज्य में चल रही चार फर्जी फर्मों का खुलासा किया है। इन फर्मों ने करोड़ों का संदिग्ध लेन-देन कर सरकार को चुना लगाया है। आधार कार्ड विवरण के अनुसार इन फर्मों का स्वामित्व गुजरात से संबंधित तीन व्यक्तियों के पास है। इन तीन व्यक्तियों द्वारा देशभर में 184 पंजीकरणों के लिए आवेदन किया गया था जिनमें से केवल 31 को स्वीकृति प्राप्त हुई। हिमाचल प्रदेश में इन्होंने 10 पंजीकरणों के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग द्वारा प्रदेश में सभी पंजीकरणों को अस्वीकार कर दिया गया। हालांकि केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर प्राधिकरण से वे हिमाचल प्रदेश में चार पंजीकरण स्वीकृत करवाने में सफल रहे।
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