मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा झटका लगा है। शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। वह उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। यहां से उदित राज को टिकट दिया गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने बैठक में उनके साथ अभद्रता की थी, जिससे आहत होकर यह कदम उठाया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इससे पहले 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजकुमार चौहान कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। राजकुमार चौहान ने भाजपा के उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट से लोकसभा उम्मीदवार हंसराज हंस को रिकॉर्ड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, दिल्ली में पहली बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। सीटों का बंटवारा 3:4 के फॉर्मूले पर तय हुआ। जहां तीन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस तो वहीं चार सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी के नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली की सीट पर चुनावी मैदान में है। वहीं कांग्रेस चांदनी चौक, उत्तर-पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की सीट पर चुनाव लड़ रही है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, दिल्ली की सभी सीटों पर 25 मई को छठे चरण में मतदान होगा। दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं। पिछले दो लोकसभा चुनावों 2014 और 2019 में भाजपा ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत हासिल की थी।
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