भोपाल: वॉप्‍कोस (CPSU) के कुछ लोग, बाहरी असमाजिक तत्वों से मिलकर कंपनी को बदनाम करने की रच रहे कूटरचित साजिश

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मप्र: WAPCOS भारत सरकार की (CPSU), मध्य प्रदेश के साथ-साथ अनेक प्रदेशों, देश एवं विदेशों में कंसलटेंसी के क्षेत्र में काम करने वाली एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जो कि केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन कार्यरत है। इसका प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी उच्च श्रेणी का कार्य चल रहा है। वॉप्‍कोस केंद्र सरकार की योजनाओं एवं राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आवंटित कार्यों को PDMC और EPC मोड में सफलतापूर्वक करती है।

इन कार्यों को अमली जमा पहनाने में वॉप्‍कोस के समर्पित इंजीनियरों और कर्मचारियों का योगदान रहता है। बात चाहे अमृत-1 की हो, MPBDC की हो, अमृत-2 (DPR) की हो, JJM की हो, PHE या PWD की हो.. इस कंपनी ने इन क्षेत्रों में अपनी तकनीकी कुशल टीम के कारण अपना एक अलग स्थान बनाया है। किन्‍तु गत दिनों से यह देखा जा रहा है कि एक साजिशपूर्ण तरीके से कंपनी और उसके समर्पित कर्मचारियों को झूठा बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है। बल्कि इसे यह कहना उचित होगा कि कूटरचित षड्यंत्रों से कंपनी के समर्पित कर्मचारियों को झूठा बदनाम कर उन्हें डेमोरलाइज्ड करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे सूत्रों का संदेह है कि इस कूटरचित षड्यंत्र में वॉप्‍कोस के दो-तीन कर्मचारी, यहीं के एक पूर्व अधिकारी के शामिल होने की ठोस संभावना है। अत: इस अंदेशे से इंकार नहीं किया जा सकता कि कंपनी के यही लोग, कुछ बाहरी असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर, कंपनी की छवि को खराब करने के लिए किए जा रहे षड्यंत्र में किसी ऐजेंडा के तहत शामिल हैं?

हमारे संवाददाता ने जब इस संदर्भ में छानबीन की तो सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार वॉप्‍कोस के कुछ ऑफिशल डॉक्युमेंटों को यहीं के इन संदिग्ध दो-तीन तत्वों एवं एक पूर्व अधिकारी ने बाहरी असामाजिक तत्वों को शेयर किया और इन लोगों द्वारा आपस में मिलकर अनावश्यक पत्राचार गुप्त नाम से किया गया। जाहिर है कि प्रदेश सरकार की और केंद्र सरकार की योजनाओं को इन षंडयंत्रकारी तत्‍वों द्वारा बदनाम करने का असफल प्रयास किया जा रहा हैं। जब हमारे सूत्रों ने इसमें गहराई से जांच पडताल की तो जो पाया वो बड़ा संदेहात्‍मक और आर्श्‍चयजनक था। इस कूटरचित षंडयंत्र में संदेह की सूई भोपाल वॉप्‍कोस के दो-तीन कर्मचारियों और इसी कपंनी का एक पूर्व अधिकारी पर आकर टिकती है। अत: इस संभावना से इंकार नहीं किया जा स‍कता कि वॉप्‍कोस के इन्‍हीं तत्‍वों ने अपने पूर्व अधिकारी के साथ मिलकर, बाहरी असामाजिक तत्वों को किसी गुप्‍त ऐजेंडे के तहत अपने साथ मिलाकर या तो वॉप्‍कोस के काम्‍पटीटर से मिल गए हैं या फिर इनका उद्देश्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं को सुनियोजित तरिके से बदनाम करना है, और इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि इन तत्वों की सांठ-गांठ शायद सरकार विरोधी तंत्र के साथ मिलकर काम करने की हो सकती है? किंतु इससे जो नुकसान हो रहा है वह यह है कि वॉप्‍कोस के मध्य प्रदेश में जो समर्पित अधिकारी और कर्मचारी हैं, ये षंडयंत्रकारी उन्‍हीं को टारगेट कर रहे हैं ताकि वे डेमोरलाइज्ड हों और कंपनी को इनकी षंडयंत्रकारी टूलकिट के तहत बदनाम किया जा सके। संभवत: इसके माध्‍यम से इन साजिशकर्ताओं का यह प्रयास हो सकता है कि ये प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में किसी अपने गुप्‍त ऐजेंडे के तहत रूकावट पैदा करना चाहते हैं। इसलिए यह मंशा उठना स्‍वभाविक है कि इन असामाजिक तत्वों का जुड़ाव वास्तव में कहीं और है और इसके लिए इन लोगों ने आपस में मिलकर कोई बड़ा खेल अपने गुप्‍त ऐजेंडे के तहत किया होगा, ऐसी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

तदापि हमारे संवाददाता ने प्रथम छानबीन में अपनी रिपोर्ट में यह पाया कि वॉप्‍कोस के कुशल अधिकारियों और कर्मचारियों को इस कूटरचित षड्यंत्र में अनावश्यक बदनाम करने का जो खेल खेला जा रहा है उससे कंपनी के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले दुखी और नर्वस हैं। हमने उनसे बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने इतना ही बोला कि ऐसी कोई बात नहीं है हम लोग अपना काम ईमानदारी और समर्पित भाव से कर रहे हैं। हमें कंपनी के दिल्ली सूत्रों से ऐसी आहट मिली है कि केंद्र सरकार की यह कंपनी वॉप्‍कोस (CPSU) इस मामले की बड़ी गहराई से छान‍बीन कर रही है और जल्दी ही इन कूटरचित षंडयंत्र करने वालों के विरूद्ध कोई बड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्यवाही होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस संदर्भ में आगे का अपडेट जो भी आएगा हम जल्दी अपने प्रदेश, देश और विदेश के यूजर्स और व्यूवर्स को फैक्‍ट के साथ दिखाएंगे।

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